Zomato की फूड डिलीवरी में 25% ग्रोथ: 2025 में नई सिटी एक्सपेंशन

By Ravi Singh

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क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी पसंदीदा फूड डिलीवरी ऐप, ज़ोमैटो, इतनी तेज़ी से कैसे बढ़ रही है? अगर हां, तो आप सही जगह पर हैं! इस लेख में हम ज़ोमैटो की अविश्वसनीय 25% ग्रोथ और 2025 में इसके बड़े शहरों से आगे छोटे शहरों में विस्तार की योजना को विस्तार से जानेंगे। यह सिर्फ फूड डिलीवरी नहीं, बल्कि एक स्मार्ट बिज़नेस स्ट्रेटेजी है जो भारतीय बाजार में धूम मचा रही है। आइए, एक साथ मिलकर इस रोमांचक यात्रा को समझें कि कैसे ज़ोमैटो ने ऑनलाइन फूड डिलीवरी में अपना दबदबा कायम रखा है और भविष्य में क्या करने वाला है।

मुख्य बातें: Zomato की फूड डिलीवरी में 25% ग्रोथ: 2025 में नई सिटी एक्सपेंशन

ज़ोमैटो की फूड डिलीवरी बिज़नेस में 2025 में 20% से 25% तक की बंपर ग्रोथ की उम्मीद है। यह वृद्धि कई प्रमुख कारकों पर आधारित है, जिनमें नए शहरों में विस्तार और बाजार में पैठ बढ़ाना शामिल है। कंपनी अपने मुख्य फूड डिलीवरी सेगमेंट को मजबूत करने के साथ-साथ अपनी क्विक कॉमर्स (blinkit) ऑपरेशंस को भी बढ़ा रही है, ताकि राजस्व स्रोतों में विविधता लाई जा सके और लाभप्रदता में सुधार हो सके।

  • ग्रोथ रेट: ज़ोमैटो (अब इटरनल के रूप में रीब्रांडेड) वित्त वर्ष 2025 के लिए फूड डिलीवरी ऑर्डर मूल्य में लगभग 20% की वृद्धि का अनुमान लगा रहा है, कुछ रिपोर्टों में बाजार विस्तार और परिचालन सुधारों के कारण 25% तक की वृद्धि का अनुमान है।
  • नए शहरों में विस्तार: टियर-3 और टियर-4 शहरों में आक्रामक पैठ बनाई जा रही है, जिसका उद्देश्य कम सेवा वाले बाजारों पर कब्जा करना है। हालांकि, इन क्षेत्रों में औसत ऑर्डर मूल्य (AOV) कम और मार्जिन पतला होने की चुनौती है।
  • मार्केट शेयर: ज़ोमैटो 2025 में भारत के फूड डिलीवरी बाजार में 54-56% का दबदबा बनाए हुए है, जो कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच इसकी अग्रणी स्थिति को मजबूत करता है।
  • परिचालन रणनीतियाँ: कंपनी मालिकाना रूट-प्लानिंग एल्गोरिदम, बेहतर डिलीवरी पार्टनर प्रबंधन और गुणवत्ता नियंत्रण उपायों (जैसे कम रेट वाले रेस्तरां को हटाना) के माध्यम से दक्षता बढ़ा रही है, जिससे ग्राहक विश्वास बढ़ता है और लागत कम होती है।
  • राजस्व और लाभप्रदता: फूड डिलीवरी ज़ोमैटो के कुल राजस्व का लगभग 60% योगदान करती है, जिसमें 19% के करीब स्वस्थ समायोजित EBITDA मार्जिन प्राप्त किया गया है, जिसमें छूट को युक्तिसंगत बनाना, प्लेटफॉर्म क्षमताओं का मुद्रीकरण (रेस्तरां विज्ञापन, ज़ोमैटो गोल्ड सदस्यता) और डिलीवरी लागत को अनुकूलित करना शामिल है।

ज़ोमैटो की बंपर ग्रोथ: 2025 के आंकड़े और अनुमान

ज़ोमैटो, जिसे अब कभी-कभी ‘इटरनल’ के रूप में भी जाना जाता है, भारतीय ऑनलाइन फूड डिलीवरी बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बना हुआ है। 2025 में इसकी फूड डिलीवरी बिज़नेस में 20% से 25% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह सिर्फ एक संख्या नहीं है, बल्कि कंपनी की मजबूत रणनीतियों और बाजार में बढ़ती मांग का सीधा परिणाम है। उपभोक्ता अब पहले से कहीं अधिक अपनी सुविधा के लिए ऑनलाइन फूड डिलीवरी पर निर्भर हैं।

इस ग्रोथ के पीछे कई कारण हैं। सबसे पहले, ज़ोमैटो लगातार नए बाजारों में अपनी पहुंच बढ़ा रहा है, खासकर छोटे शहरों में जहां अभी भी बहुत अधिक संभावनाएं हैं। दूसरे, कंपनी अपनी परिचालन दक्षता में सुधार कर रही है, जिससे डिलीवरी तेज और अधिक लागत प्रभावी हो रही है। यह उपभोक्ताओं को बेहतर अनुभव प्रदान करता है, जिससे उनकी बार-बार ऑर्डर करने की प्रवृत्ति बढ़ती है। इसके अलावा, कंपनी अपनी मार्केटिंग और प्रचार गतिविधियों को भी तेज कर रही है, जिससे नए ग्राहक जुड़ रहे हैं और पुराने ग्राहक बने हुए हैं। यह सब मिलकर ज़ोमैटो की प्रभावशाली ग्रोथ को गति दे रहा है।

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नई सिटी एक्सपेंशन: टियर-3 और टियर-4 शहरों पर फोकस

ज़ोमैटो की 2025 ज़ोमैटो एक्सपेंशन रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा टियर-3 और टियर-4 शहरों में आक्रामक रूप से प्रवेश करना है। बड़े शहरों में बाजार संतृप्ति के करीब पहुंचने के साथ, छोटे शहर नए विकास के अवसर प्रदान करते हैं। इन शहरों में अभी भी ऑनलाइन फूड डिलीवरी की पहुंच कम है, और ज़ोमैटो इस अंतर को भरने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। यह रणनीति कंपनी को नए ग्राहक आधार तक पहुंचने और अपनी समग्र बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद करती है।

हालांकि, इस विस्तार के साथ कुछ चुनौतियां भी आती हैं। छोटे शहरों में औसत ऑर्डर मूल्य (AOV) आमतौर पर कम होता है, और मार्जिन भी पतला हो सकता है। इसका मतलब है कि ज़ोमैटो को इन बाजारों में लाभप्रदता बनाए रखने के लिए अपनी परिचालन लागत को बहुत कुशलता से प्रबंधित करना होगा। कंपनी इन चुनौतियों का सामना करने के लिए स्थानीय साझेदारियों, अनुकूलित मेनू और प्रभावी डिलीवरी नेटवर्क का उपयोग कर रही है। यह विस्तार न केवल ज़ोमैटो की पहुंच बढ़ाता है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को भी बढ़ावा देता है और रोजगार के अवसर पैदा करता है।

मार्केट शेयर और प्रतिस्पर्धा में ज़ोमैटो का दबदबा

भारतीय फूड डिलीवरी बाजार में ज़ोमैटो की स्थिति अविवादित रूप से मजबूत है। 2025 तक, यह बाजार में 54-56% की प्रभावशाली हिस्सेदारी बनाए हुए है, जो इसे इस क्षेत्र में स्पष्ट नेता बनाती है। यह प्रभुत्व कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद है, जिसमें स्विगी जैसे अन्य बड़े खिलाड़ी भी शामिल हैं। ज़ोमैटो ने अपनी ब्रांड पहचान, विश्वसनीय सेवा और विशाल रेस्तरां नेटवर्क के माध्यम से यह नेतृत्व हासिल किया है।

कंपनी लगातार अपनी सेवाओं में सुधार कर रही है और ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए नई सुविधाएँ पेश कर रही है। ग्राहक सेवा पर उनका जोर, डिलीवरी की गति और भोजन की गुणवत्ता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें अपने प्रतिस्पर्धियों से अलग खड़ा किया है। इसके अतिरिक्त, ज़ोमैटो गोल्ड जैसी वफादारी कार्यक्रम भी ग्राहकों को आकर्षित करने और बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह सब मिलकर ज़ोमैटो को भारतीय ऑनलाइन फूड डिलीवरी बाजार में अपनी अग्रणी स्थिति बनाए रखने में मदद करता है।

परिचालन रणनीतियाँ और दक्षता में सुधार

ज़ोमैटो की सफलता का एक बड़ा हिस्सा उसकी उन्नत परिचालन रणनीतियों और दक्षता में लगातार सुधार के प्रयासों में निहित है। कंपनी ने अपनी डिलीवरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए मालिकाना रूट-प्लानिंग एल्गोरिदम विकसित किए हैं। ये एल्गोरिदम डिलीवरी भागीदारों को सबसे कुशल मार्ग प्रदान करते हैं, जिससे डिलीवरी का समय कम होता है और ईंधन की लागत बचती है। यह न केवल ग्राहकों को तेज़ सेवा प्रदान करता है, बल्कि डिलीवरी भागीदारों के लिए भी काम को आसान बनाता है।

डिलीवरी पार्टनर प्रबंधन भी ज़ोमैटो के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। कंपनी अपने डिलीवरी बेड़े को प्रशिक्षित करने और प्रेरित करने में निवेश करती है, जिससे सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित होती है। इसके अलावा, ज़ोमैटो गुणवत्ता नियंत्रण उपायों को भी सख्ती से लागू करता है, जैसे कि कम रेट वाले रेस्तरां को अपने प्लेटफॉर्म से हटाना। यह ग्राहकों के विश्वास का निर्माण करता है और उन्हें हर बार उच्च गुणवत्ता वाले भोजन का अनुभव प्राप्त करने में मदद करता है। इन सभी रणनीतियों से लागत कम होती है और परिचालन दक्षता बढ़ती है, जिससे ज़ोमैटो को अपने लाभ मार्जिन को बनाए रखने में मदद मिलती है।

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राजस्व, लाभप्रदता और विविधीकरण

ज़ोमैटो के कुल राजस्व में फूड डिलीवरी का योगदान लगभग 60% है, जो इस सेगमेंट की केंद्रीय भूमिका को दर्शाता है। कंपनी ने अपने समायोजित EBITDA मार्जिन को लगभग 19% तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त की है, जो वित्तीय रूप से इसकी मजबूत स्थिति को दर्शाता है। यह लाभप्रदता कई रणनीतियों के माध्यम से हासिल की गई है। ज़ोमैटो ने बेवजह की छूट को युक्तिसंगत बनाया है, जिससे बिना राजस्व खोए ग्राहकों को बनाए रखा जा सके।

इसके अलावा, कंपनी अपने प्लेटफॉर्म क्षमताओं का मुद्रीकरण कर रही है। इसमें रेस्तरां से विज्ञापन शुल्क लेना और अपनी ज़ोमैटो गोल्ड सदस्यता कार्यक्रम के माध्यम से राजस्व अर्जित करना शामिल है। ये अतिरिक्त राजस्व धाराएं ज़ोमैटो की वित्तीय स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। डिलीवरी लागत को अनुकूलित करना भी लाभप्रदता में सुधार का एक प्रमुख कारक है। अंत में, ज़ोमैटो ने क्विक कॉमर्स (ब्लींकिट) के साथ अपने राजस्व धाराओं में विविधता लाई है, जो भविष्य के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। ज़ोमैटो का बिजनेस मॉडल दिखाता है कि वे कैसे विभिन्न तरीकों से पैसे कमा रहे हैं।

रणनीतिक चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा

तेजी से विकास के बावजूद, ज़ोमैटो को कई रणनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। रेस्तरां के साथ कमीशन विवाद एक आवर्ती मुद्दा रहा है, जिससे कभी-कभी संबंध तनावपूर्ण हो जाते हैं। इसके अलावा, बाजार में नए खिलाड़ियों का प्रवेश भी प्रतिस्पर्धा को बढ़ा रहा है। इन चुनौतियों के जवाब में, ज़ोमैटो अपनी रणनीति में बदलाव कर रहा है और क्विक कॉमर्स जैसे नए क्षेत्रों में ध्यान केंद्रित कर रहा है। यह न केवल राजस्व धाराओं में विविधता लाता है, बल्कि कंपनी को नए विकास के अवसरों का पता लगाने में भी मदद करता है।

एक और महत्वपूर्ण चुनौती गिग वर्कर (डिलीवरी पार्टनर) रिटेंशन है। ज़ोमैटो अपने डिलीवरी भागीदारों को बनाए रखने के लिए लाभ और वित्तीय साक्षरता कार्यक्रमों की पेशकश कर रहा है। यह सुनिश्चित करता है कि उसके पास एक स्थिर और विश्वसनीय कार्यबल हो, जो निर्बाध सेवा प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है। फूडटेक बाजार पर नवीनतम रिपोर्ट भी इन चुनौतियों और भविष्य के रुझानों पर प्रकाश डालती हैं। ज़ोमैटो इन चुनौतियों का सामना करने और भारतीय फूड डिलीवरी ट्रेंड्स में अपनी अग्रणी स्थिति बनाए रखने के लिए लगातार नवाचार कर रहा है।

कार्यबल, निवेश और अधिग्रहण

वित्त वर्ष 2025 में ज़ोमैटो ने अपने कार्यबल को दोगुना कर दिया है, जो कंपनी के विस्तार और नए व्यावसायिक क्षेत्रों में निवेश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस कार्यबल वृद्धि का एक हिस्सा रणनीतिक अधिग्रहणों से भी प्रेरित है, जैसे कि Paytm के इवेंट टिकटिंग व्यवसाय का अधिग्रहण। यह अधिग्रहण ज़ोमैटो को इवेंट और अनुभव बाजार में अपनी पहुंच का विस्तार करने में मदद करता है, जो उसके क्विक कॉमर्स और फूड डिलीवरी से परे राजस्व स्रोतों में विविधता लाने के व्यापक लक्ष्य के अनुरूप है।

कंपनी ने विज्ञापन खर्च में भी वृद्धि की है, विशेष रूप से क्विक कॉमर्स और ‘डिस्ट्रिक्ट’ ऐप जैसे नए उत्पादों के लिए। यह निवेश ब्रांड जागरूकता बढ़ाने, नए ग्राहकों को आकर्षित करने और इन नए व्यावसायिक क्षेत्रों के विकास को गति देने के लिए महत्वपूर्ण है। ये कदम दर्शाते हैं कि ज़ोमैटो केवल फूड डिलीवरी पर ही निर्भर नहीं रहना चाहता, बल्कि भविष्य में विकास के लिए कई रास्ते तलाश रहा है। यह दीर्घकालिक स्थिरता और बाजार में नेतृत्व के लिए एक दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाता है।

फायदे और चुनौतियाँ: एक नज़र में

फायदे चुनौतियाँ
तेज़ ग्रोथ और मार्केट लीडरशिप: 25% तक की अपेक्षित ग्रोथ और 54-56% मार्केट शेयर। निम्न AOV वाले नए शहर: टियर-3/4 शहरों में कम औसत ऑर्डर मूल्य से मार्जिन पर दबाव।
राजस्व और लाभप्रदता में वृद्धि: फूड डिलीवरी से 60% राजस्व और 19% EBITDA मार्जिन। रेस्टोरेंट कमीशन विवाद: कमीशन दरों को लेकर रेस्तरां के साथ चल रहे मतभेद।
मजबूत परिचालन क्षमताएँ: उन्नत एल्गोरिदम और गुणवत्ता नियंत्रण से दक्षता में सुधार। नए प्रतिस्पर्धी: बाजार में नए खिलाड़ियों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा।
विविध राजस्व धाराएं: क्विक कॉमर्स, विज्ञापन और ज़ोमैटो गोल्ड से आय। गिग वर्कर रिटेंशन: डिलीवरी भागीदारों को बनाए रखने की चुनौती।

FAQ

  • Q1: ज़ोमैटो 2025 में कितनी ग्रोथ की उम्मीद कर रहा है?

    ज़ोमैटो 2025 में अपनी फूड डिलीवरी बिज़नेस में 20% से 25% तक की बंपर ग्रोथ की उम्मीद कर रहा है। यह ग्रोथ नए शहरों में विस्तार, बाजार में पैठ बढ़ाने और परिचालन सुधारों से प्रेरित है। कंपनी का लक्ष्य अपने कोर फूड डिलीवरी सेगमेंट को मजबूत करना और क्विक कॉमर्स में भी विस्तार करना है।

  • Q2: ज़ोमैटो किन शहरों में विस्तार कर रहा है?

    ज़ोमैटो टियर-3 और टियर-4 शहरों में आक्रामक रूप से विस्तार कर रहा है। इन शहरों में कम सेवा वाले बाजारों पर कब्जा करने और नए ग्राहक आधार तक पहुंचने का लक्ष्य है। यह रणनीति कंपनी को बड़े शहरों में संतृप्ति के बाद भी विकास के अवसर प्रदान करती है।

  • Q3: ज़ोमैटो अपनी लाभप्रदता कैसे बढ़ा रहा है?

    ज़ोमैटो अपनी लाभप्रदता बढ़ाने के लिए कई उपाय कर रहा है। इसमें छूट को युक्तिसंगत बनाना, रेस्तरां विज्ञापन और ज़ोमैटो गोल्ड सदस्यता के माध्यम से प्लेटफॉर्म क्षमताओं का मुद्रीकरण करना, और डिलीवरी लागत को अनुकूलित करना शामिल है। फूड डिलीवरी से 19% का समायोजित EBITDA मार्जिन प्राप्त किया गया है।

  • Q4: ज़ोमैटो को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है?

    ज़ोमैटो को रेस्तरां के साथ कमीशन विवाद, नए प्रतिस्पर्धियों के प्रवेश, और गिग वर्कर (डिलीवरी पार्टनर) को बनाए रखने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए कंपनी क्विक कॉमर्स में विस्तार और वर्कर लाभ कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

  • Q5: क्विक कॉमर्स ज़ोमैटो के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

    क्विक कॉमर्स ज़ोमैटो के लिए राजस्व धाराओं में विविधता लाने और लाभप्रदता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। यह कंपनी को फूड डिलीवरी से परे विस्तार करने और एक बड़े बाजार खंड पर कब्जा करने का अवसर प्रदान करता है, जिससे भविष्य में कंपनी की स्थिरता और विकास सुनिश्चित होता है।

  • Q6: ज़ोमैटो भारतीय फूड डिलीवरी मार्केट में अपनी नेतृत्व स्थिति कैसे बनाए रख रहा है?

    ज़ोमैटो अपनी मजबूत ब्रांड पहचान, विश्वसनीय सेवा, विशाल रेस्तरां नेटवर्क, ग्राहक सेवा पर जोर, और उन्नत परिचालन रणनीतियों (जैसे रूट-प्लानिंग एल्गोरिदम) के माध्यम से भारतीय फूड डिलीवरी बाजार में अपनी 54-56% नेतृत्व स्थिति बनाए रख रहा है।

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निष्कर्ष

संक्षेप में, ज़ोमैटो की 2025 में फूड डिलीवरी बिज़नेस में 25% से अधिक की प्रभावशाली ग्रोथ उसकी मजबूत रणनीतियों और बाजार में गहरी पैठ का प्रमाण है। नए शहरों में विस्तार, परिचालन में सुधार, और फूड डिलीवरी व क्विक कॉमर्स के बीच एक संतुलित दृष्टिकोण ने कंपनी को बाजार की चुनौतियों के बावजूद अपनी अग्रणी स्थिति बनाए रखने में मदद की है। यह स्पष्ट है कि ज़ोमैटो भारतीय फूडटेक बाजार में न केवल विकास कर रहा है, बल्कि भविष्य के लिए खुद को मजबूती से स्थापित भी कर रहा है। यह एक ऐसी कहानी है जो हमें दिखाती है कि कैसे नवाचार और ग्राहक-केंद्रितता किसी भी व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है।

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Ravi Singh

मेरा नाम रवि सिंह है, मैं एक कंटेंट राइटर के तौर पर काम करता हूँ और मुझे लेख लिखना बहुत पसंद है। 4 साल के ब्लॉगिंग अनुभव के साथ मैं हमेशा दूसरों को प्रेरित करने और उन्हें सफल ब्लॉगर बनाने के लिए ज्ञान साझा करने के लिए तैयार रहता हूँ।

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